सरायकेला के पूजा पंडालों का प्रतिमा विसर्जित


*एकादशी को गांव में भी लोग माता के भक्ति आस्था में रहे मशगूल, अंगारों पर चलकर माता के प्रति जताया आस्था*

*दीपक कुमार दारोघा*

सरायकेला: दुर्गोत्सव जिला मुख्यालय सरायकेला में भक्ति उल्लास से सरोवर रहा। यहां तक कि विजयदशमी के बाद एकादशी को भी गांव में लोग शक्ति रूपिणी की भक्ति आस्था में मशगूल रहे।

जानकारी के मुताबिक सरायकेला प्रखंड के मुरुप गांव स्थित मंदिर में विजयादशमी की पूजा रश्म पूरी हुई। एकादशी को मंदिर परिसर स्थित माता पाऊड़ी की पीठ स्थली में भक्तों ने अंगारों में चलकर माता के प्रति भक्ति एवं आस्था जताया। इससे पहले भक्तों ने जलाशय में जल देवी की पूजा अर्चना की एवं दंडी पाठ करते हुए मंदिर परिसर पहुंचे। देहुरी कुथुल प्रधान, पुजारी रामनाथ होता, यदुनंदन होता, की भी सक्रियता रही। पुजारी गौर दास ने बताया कि आस्था पूर्वक नंगे पांव अंगारों पर चलने के बावजूद भक्तों के पांव में छाले नहीं पड़ते। 

माता के भक्त हेमसागर प्रधान ने बताया कि एकादशी के दिन भक्तों का माता के प्रति अपार आस्था रहा। भक्तों ने मां को प्रसन्न करने के लिए कई आकर्षक करतब दिखाये। भक्त श्रद्धालुओं की अपार भीड़ रही। उन्होंने कहा कि दुर्गोत्सव में ओर काठी नाच, घोड़ा नाच देखने को नहीं मिलता। इसके बावजूद भक्ति आस्था बनी हुई है। गांव के शुभनाथ यूथ क्लब के अध्यक्ष अजीत प्रधान, उपाध्यक्ष गौरा चंद हो, सचिव मनोज प्रधान, वीरेश प्रमाणिक, रंजीत प्रधान, अचिंतो प्रधान आदि ग्रामीणों की सक्रियता रही।

सूत्रों के मुताबिक राजनगर प्रखंड के रांजड़ गांव में भी भक्तों ने माता को प्रसन्न करने के लिए कर्तव्य दिखाये। तालाब से लेकर मंदिर तक भक्त श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पूजा रश्म अदा किया। गांव की सुख-समृद्धि, रोग निवारण के लिए माता से मन्नतें मांगी एवं अंगारों में चलकर माता के प्रति भक्ति आस्था जताया। मौके में भक्त श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही। रांजड़ दुर्गा पूजा कमिटी के अध्यक्ष प्रमोद प्रधान, सचिव उत्तम प्रधान,कोषाध्यक्ष बलराम प्रधान, बैजनाथ प्रधान सहित ग्रामवासी भक्ति आस्था में मशगूल रहे।

इधर विजयादशमी के बाद जिला मुख्यालय सरायकेला के विभिन्न पूजा पंडालों के प्रतिमा का नदी, जलाशयों में विसर्जन हुई। भक्ति उल्लास का माहौल रहा। मूर्ति विसर्जन को लेकर विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस प्रशासन की सक्रियता रही।

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