बाल श्रमिक उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन हुआ अलर्ट

*सरायकेला: बाल श्रमिक उन्मूलन को लेकर त्रिस्तरीय धाबा दल गठित, अब बाल श्रमिक नियोजित करने वाले नहीं बक्शे जाएंगे* 
 *दीपक कुमार दारोघा* 
 सरायकेला: समाहरणालय स्थित अपर उपायुक्त जयवर्धन कुमार के कार्यालय कक्ष में बाल श्रमिक उन्मूलन को लेकर जिला स्तरीय बैठक हुई। जिसमें त्रिस्तरीय धाबा दल का गठन किया गया। 
जानकारी के मुताबिक अपर उपायुक्त के नेतृत्व में जिला स्तरीय धाबा दल सक्रिय रहेगा। अनुमंडल स्तर पर एसडीओ के नेतृत्व में एवं अंचल में सीओ के नेतृत्व में धाबा दल गठन किया गया। संबंधित अंचल में धाबा दल में संबंधित थाना प्रभारी एवं सीडीपीओ को सदस्य के रूप में नामित किया गया है। धाबा दल अपने-अपने क्षेत्राधिकार में मुख्य रूप में होटल, गैरेज,दुकान प्रतिष्ठान सभी का औचक निरीक्षण कर कार्यरत बाल श्रमिकों को मुक्त कराएगा। और उन्हें पुनर्वास से जोड़ते हुए प्रतिमाह जिला को इसके संबंधित प्रतिवेदित करेंगे। बैठक में बताया गया कि बाल श्रम यानी 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कार्य कराने वाले नियोजकों के ऊपर बाल श्रम (निषेध एवं विनियम) अधिनियम 1986 की धारा 14(1) के तहत दंड का प्रावधान है। दंड स्वरूप इसमें बीस से पचास हजार तक का आर्थिक दंड अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक का सश्रम कारावास अथवा दोनों का प्रावधान है। यह भी बताया गया कि बाल श्रम से विमुक्त होने वाले बच्चे बच्चियों का पुनर्वास अत्यंत आवश्यक है। ताकि वह पुनः इस दलदल में ना फंस जाए। इसलिए सरकार द्वारा उनके लिए पुनर्वास प्रावधान किया गया है। सर्वप्रथम विमुक्त बच्चों का नामांकन आवासीय विद्यालय में किया जाना है। साथ ही उनके परिवार को आवास, पेंशन, मनरेगा आदि सरकारी योजना से जोड़ा जाना है। अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन ने कहा कि बाल श्रमिक नियोजित करने वाले नहीं बक्शे जायेंगे। उन्होंने लगातार निरीक्षण कर सरायकेला जिले को बाल श्रम से विमुक्त हेतु पदाधिकारियों को निर्देश दिए।

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