*सरायकेला:मधु बाबू जयंती के अवसर पर उत्कल गौरव मधुसूदन दास विचार मंच द्वारा ओड़िया भाषा संस्कृति एवं आर्थिक विकास विषयक सेमिनार आयोजित*
*दीपक कुमार दारोघा*
सरायकेला: जिला मुख्यालय सरायकेला स्थित एसएनईएम स्कूल भवन में मधु बाबू जयंती अवसर पर उत्कल गौरव मधुसूदन दास विचार मंच बैनर तले ओड़िया भाषा संस्कृति एवं आर्थिक विकास विषयक सेमिनार आयोजित।
डॉ अतुल सरदार की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता प्रो. मनोज महापात्र( काशी साहू कॉलेज सरायकेला) ने उत्कल गौरव की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मधु बाबू जातीय जीवन पर जिए। उन्होंने ओड़िया भाषा संस्कृति के प्रति स्वाभिमान एवं आर्थिक समृद्धि के लिए स्वावलंबन की सीख दी है। उत्कल गौरव मधु बाबू के कृतित्व से प्रेरणा लेने का दिन है। उन्होंने कहा कि स्वालंबन के लिए ऑर्गेनिक खेती समय की मांग है। डॉ अतुल सरदार ने उत्कल गौरव मधु बाबू की जयंती पर प्रकाश डाला एवं कहा कि ओडिशा में मधुसूदन दास का जन्म 28 अप्रैल 1848 को हुआ था। उन्होंने ओड़िया जाति के एकीकरण, भाषा संस्कृति, आर्थिक विकास के लिए संघर्ष किया। साहित्यकार विष्णुपद सिंहदेव ने कहा कि वर्तमान समय में उत्कल गौरव मधु बाबू की कृतित्व को याद करने की दिन है। उन्होंने भाषा संस्कृति के प्रति स्वाभिमान एवं आर्थिक स्वावलंबन की सीख दी थी। उन्होंने तार कोशी उत्कल टेनेरी, जूता कारखाना खोलकर स्वावलंबन का सीख दिया था। समय कहता है मातृभाषा के साथ पढ़ाई करें एवं आर्थिक स्वावलंबी बने।
पत्रकार दीपक दारोघा ने स्वागत भाषण में कहा कि उत्कल गौरव मधु बाबू ओड़िया जाति के एकीकरण, ओड़िया जाति के आस्था श्री जगन्नाथ के सम्मान एवं ओड़िया जाति के प्रतिष्ठा के लिए जो कार्य किया वह अब उजागर हो रही है। आधुनिक भारत में ओड़िया शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त की है। झारखंड में ओड़िया को भाषाई अल्पसंख्यक का दर्जा मिला है। इसके बावजूद मातृभाषा ओड़िआ शिक्षा भाषा संस्कृति आर्थिक समृद्धि दरक रहा है। इन सभी बातों को लेकर ओड़िया भाषा संस्कृति एवं आर्थिक विकास विषयक सेमिनार आयोजित हुई। सेमिनार में वक्ताओं ने स्वावलंबी बनने, आपसी सामाजिक सहयोग पर बोल दिया।
इससे पहले उक्त स्कूल के संचालक विद्याधर दास ने अतिथियों का स्वागत किया। उपस्थित लोगों ने उत्कल गौरव मधु बाबू के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इसके बाद अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर सेमिनार का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सत्यकिंकर पति ने भजन प्रस्तुत किया। अजीत राउत ने ललित कलित माध्यम से मधु बाबू की कविता पाठ की। कार्यक्रम के अंत में प्रदीप सिंहदेव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में गणमान्य अतिथि विजय दुबे,शिक्षका लिलि प्रभा दास, मीता कवि, सहित विद्यार्थी, शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित थे।
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