चंद्र ग्रहण


*साल का आखिरी चंद्र ग्रहण हो चुका है शुरू*

*दीपक कुमार दारोघा*

सरायकेला: पृथ्वी,चंद्र,सूर्य की खगोलीय घटना चंद्र ग्रहण शुरू हो चुका है।

भाद्रपद पूर्णिमा में हो रही इस चंद्र ग्रहण में प्रकृति ने भी हलचल शुरू कर दी है। पूर्णिया में समुद्र में भी हलचल (ज्वार भट्ट) होना यह एहसास कराता है कि चंद्र ग्रहण प्रकृति से जुड़े खगोलीय घटना है। मनुष्य का शरीर भी प्रकृति से जुड़ा है। प्राणी प्रकृति से ऑक्सीजन लेते हैं। यह एहसास कराना काफी है। अर्थात प्रकृति में जो हलचल होती है, वह मनुष्य के शरीर में भी होती है। मनुष्य का शरीर प्रकृति से जुड़ा है। इसलिए प्रकृति के अनुरूप सजग रहना चाहिए। इसलिए ज्योतिषी चंद्र ग्रहण में लोगों को सतर्क करते हैं। यह माना जाता है कि चंद्र ग्रहण में सोना नहीं चाहिए। सोने से शरीर सुप्त होती है। जबकि ग्रहण के कारण शरीर के आंतरिक भाग में क्रियाएं होती रहती हैं। बाद में इसका प्रभाव मनुष्य को नजर आता है।

चंद्र ग्रहण भारत में भी दृश्य मान है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। रात 9:57 को शुरू हुई चंद्र ग्रहण देर रात तक रहेगी। चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटा 28 मिनट बताया जाता है। बताया जाता है कि चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। इस चंद्र ग्रहण को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण माना जा रहा है।

Comments